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IPL ट्रॉफी पर लिखा है संस्कृत में एक खास संदेश, हर क्रिकेट फैन को पता होना चाहिए इसका मतलब
आपको जानकार हैरानी होगी की हर बार नयी ट्रॉफी तैयार नहीं की जाती है।
आईपीएल (IPL) केवल क्रिकेट का त्योहार नहीं, बल्कि टैलेंट और मौके का संगम है। यह बात सिर्फ खेलने वालों को ही नहीं, बल्कि ट्रॉफी को देखकर भी समझ आती है। अगर आपने कभी ध्यान दिया हो, तो IPL ट्रॉफी पर संस्कृत में कुछ लिखा होता है — और इसका अर्थ जानना हर क्रिकेट प्रेमी के लिए दिलचस्प हो सकता है।
संस्कृत में लिखा है – "यत्र प्रतिभा अवसरं प्राप्नोति"
आईपीएल ट्रॉफी पर जो वाक्य अंकित है, वह है – "यत्र प्रतिभा अवसरं प्राप्नोति"
इसका अर्थ है – "जहां प्रतिभा को अवसर मिलता है।"
यह सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि IPL की पूरी सोच और मकसद को दर्शाता है। पिछले कई वर्षों में IPL ने युवा क्रिकेटरों को निखारने, उन्हें मंच देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का काम किया है। यही वजह है कि ये लीग दुनिया की सबसे बड़ी टी20 प्रतियोगिता बन चुकी है।
क्या हर साल बनती है नई ट्रॉफी?
बहुत से लोग यह मानते हैं कि हर साल IPL की नई ट्रॉफी बनाई जाती है। लेकिन सच्चाई कुछ और है: हर साल नई ट्रॉफी नहीं बनाई जाती।
IPL की मूल ट्रॉफी एक ही रहती है, जिसमें हर साल विजेता टीम का नाम जोड़ा जाता है।
नई ट्रॉफी डिज़ाइन तब ही की जाती है, जब मौजूदा ट्रॉफी पर नाम जोड़ने की जगह खत्म हो जाती है।
विजेता टीम को पूरी तरह से नहीं मिलती है ट्रॉफी
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि:
IPL की असली ट्रॉफी विजेता कप्तान या टीम के पास नहीं रहती।
ट्रॉफी को प्रेजेंटेशन सेरेमनी के बाद BCCI को लौटा दिया जाता है।
विजेता टीम को ट्रॉफी की एक कॉपी (रिप्लिका) दी जाती है, जिसे वे अपने पास रख सकते हैं।
IPL सिर्फ खेल नहीं, एक मंच है सपनों का
IPL ने यह साबित किया है कि जहां प्रतिभा को मौका मिलता है, वहां चमत्कार होते हैं। ट्रॉफी पर लिखा संस्कृत श्लोक भी इसी भावना को दर्शाता है – यह सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि IPL की आत्मा है।