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CSK लेजेंड रवींद्र जडेजा ने झारखंड के इस बल्लेबाज में देखी थी कोहली जैसी प्रतिभा
सौरव तिवारी ने 2010 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए।
भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी और चेन्नई सुपर किंग्स के दिग्गज रवींद्र जडेजा ने हाल ही में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने झारखंड के एक ऐसे बल्लेबाज का जिक्र किया, जिसके बारे में उनका मानना था कि उसमें विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के बाद विश्व क्रिकेट का अगला बड़ा सुपरस्टार बनने की क्षमता थी। जडेजा के इस बयान ने क्रिकेट जगत में एक नई बहस छेड़ दी है कि आखिर वह कौन सा खिलाड़ी था, जो इतनी प्रतिभा होने के बावजूद अपने सपने को पूरा नहीं कर सका।
जडेजा ने जिस खिलाड़ी की बात की, वह कोई और नहीं बल्कि झारखंड के अनुभवी बल्लेबाज सौरव तिवारी हैं। सौरव तिवारी, जो अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और बड़े शॉट खेलने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं, ने घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन किया है। वह 2008 के अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम का भी हिस्सा थे, जिसकी कप्तानी विराट कोहली ने की थी।
रवींद्र जडेजा ने अपने बयान में कहा था, "सौरव तिवारी में विराट कोहली और धोनी के बाद विश्व क्रिकेट के अगले सुपरस्टार बनने की क्षमता थी। उनमें वह प्रतिभा थी, वह ताकत थी, वह जुनून था। लेकिन दुर्भाग्य से, किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।"
सौरव तिवारी ने 2010 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए। उन्होंने भारत के लिए केवल 3 वनडे मैच खेले, जिसमें वह कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। आईपीएल में भी उन्होंने कई टीमों का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें मुंबई इंडियंस के लिए उनका प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा।
जडेजा का यह बयान सौरव तिवारी की प्रतिभा और उनमें छिपी संभावनाओं को उजागर करता है। कई क्रिकेट विशेषज्ञों का भी मानना रहा है कि सौरव तिवारी में अपार क्षमता थी, लेकिन चोटों, खराब फॉर्म और कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण वह भारतीय टीम में अपनी जगह स्थायी नहीं कर पाए। क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जिनमें शीर्ष स्तर पर खेलने की प्रतिभा होती है, लेकिन कुछ कारणों से वे उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाते जिसकी उनसे उम्मीद की जाती है। सौरव तिवारी का करियर भी इसी बात का एक उदाहरण है।
यह खुलासा एक बार फिर इस बात पर प्रकाश डालता है कि भारतीय क्रिकेट में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन हर खिलाड़ी को अपने करियर में सफलता और स्थायित्व हासिल करने के लिए किस्मत, निरंतरता और सही समय पर सही मौके का मिलना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।